राधेश्याम मिश्रा, न्यूज राइटर, नई दिल्ली , 15 अगस्त, 2023
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के नाम अपना संबोधन दिया। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि यह दिन हमारे लिए बेहद ही गौरवपूर्ण है। चारों ओर उत्सव का माहौल देखकर मुझे काफी खुशी हो रही है।
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में आगे कहा कि जाति, पंथ, भाषा और क्षेत्र के अलावा, हमारी अपने परिवार और काम से जुड़ी पहचान भी होती है। लेकिन हमारी सबसे बड़ी पहचान है भारत का नागरिक होना। हम सभी समान रूप से भारत के नागरिक हैं।
हमारे स्वाधीनता संग्राम का अनोखा तरीका ज्यादा उल्लेखनीय
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि 15 अगस्त, 1947 के दिन देश ने एक नया सवेरा देखा। उस दिन हमने विदेशी शासन से तो आजादी हासिल की ही, हमने अपनी नियति का निर्माण करने की स्वतंत्रता भी प्राप्त की। हमारी स्वाधीनता के साथ, विदेशी शासकों द्वारा उपनिवेशों को छोड़ने का दौर शुरू हुआ और उपनिवेशवाद समाप्त होने लगा। हमारे द्वारा स्वाधीनता के लक्ष्य को प्राप्त करना तो महत्वपूर्ण था ही, लेकिन उससे भी ज्यादा उल्लेखनीय है, हमारे स्वाधीनता संग्राम का अनोखा तरीका।